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१८ मार्च के बाबाजी के पाति में पूज्य गुरुदेव जी ने श्री शिव महापुराण कथा गोंदिया में भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि अग्नि तत्व जैसे जल तत्व का महत्व है, महिमा है। पांच पुरुष तत्व और पांच प्रकृति तत्व है। प्रकृति तत्व में सभी नदियों को माता की संज्ञा दी गई है। प्रकृति मातृ शक्ति का प्रतीक है। पूज्य गुरुदेव जी ने कहा कि लोग अपने किसी भी कार्य के प्रारंभ में भगवान श्री शिव जी के पूजा - अर्चना करने से कार्य निर्विघ्न संपन्न होता है। पूज्य गुरुदेव जी ने कहा कि मिट्टी से भगवान श्री शिव जी के पार्थिव शिवलिंग बनाकर पूजा करना सर्वोत्तम एवं सुगम विधि है। पूज्य गुरुदेव जी ने कहा कि अपने घर में विराजमान लड्डू गोपाल व सालिक राम जी को स्नान कराकर उस जल को पीना चाहिए एवं सात्विक भोजन बनाकर तुलसी दल डालकर भोग लगाकर भोजन प्रसादी ग्रहण करना चाहिए। परम पूज्य गुरुदेव जी एवं बाबाजी की पाति बनाने वाले भक्तों को सादर प्रणाम 🙏 जय सियाराम 🙏 जय गौमाता जय गोपाल 🙏 राधे राधे 💐🙏
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