मां काली की आराधना से दूर होती है नकारात्मक ऊर्जा।
रिपोर्ट नीरज सिंह
हरिद्वार
श्री अखंड परशुराम अखाड़ा के संयोजन में श्री बिल्वकेश्वर महादेव मंदिर हरिद्वार में आयोजित श्रीमद् देवी भागवत कथा के सातवें दिन कथा व्यास भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने श्रद्धालुओं को मां काली द्वारा शुंभ निशुंभ और रक्तबीज के संहार की कथा का श्रवण कराया। शास्त्री ने बताया कि ब्रह्मा और भगवान शिव से वरदान प्राप्त करने के बाद बलशाली हुए शुंभ, निशुंभ और रक्तबीज के अत्याचारों से पीड़ित देवताओं और मनुष्यों की प्रार्थना पर देवी भगवती ने मां काली के रूप में तीनों का संहार किया। इसीलिए सातवें नवरात्र पर मां काली की पूजा आराधना की जाती है। मां काली की कृपा से घर से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है। सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ता है। जिससे जीवन में किसी प्रकार की बाधा नहीं आती। इस अवसर पर जेल अधीक्षक मनोज आर्य ने कहा कि वेद पुराण एवं शास्त्र के बताए मार्ग पर चलते हुए अपने भीतर की बुराइयों को दूर करें। श्री अखंड परशुराम अखाड़े के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि सबसे पहले अपने भीतर की बुराइयों को दूर करने की आवश्यकता है। हम समाज को सुधारने की बात करते हैं। परंतु अपने भीतर सुधार लाने का प्रयास नहीं करते हैं। जब हम खुद सुधरेंगे तभी समाज सुधरेगा। सभी को देवी भागवत कथा में स्वयं की बुराईयों को दूर करने का संकल्प लेना चाहिए और माता-पिता की सेवा करते हुए अपना संपूर्ण जीवन समाज एवं राष्ट्र के लिए समर्पित करेंगे। इस अवसर पर बिल्वकेश्वर महादेव मंदिर के व्यवस्थापक सतीश वन महाराज, लाहू वन महाराज, भरत शर्मा, भावना शर्मा, बृजमोहन शर्मा, यशपाल शर्मा, सचिन शर्मा, कुलदीप शर्मा, मानव शर्मा, सोमपाल कश्यप, ओमप्रकाश लखेड़ा, मनोज कुमार, सत्यम शर्मा, जलज कौशिक, शीतल उपाध्याय, मनोज कुमार, संजय शर्मा, सोनिया कौशिक, सुषमा शर्मा, सरोज शर्मा, दिव्या शर्मा, पूजा शर्मा, गीता कुमारी, जेपी बडोनी आदि ने व्यास पीठ का पूजन किया।
Social Plugin